5 तरीके हनुमान चालीसा आपके जीवन को बदल सकती है

Hanuman Chalisa In Hindi

हनुमान चालीसा,बजरंग बाण,हनुमान अष्टक हिंदी में: हनुमान जी का जीवन दर्शन
हनुमान चालीसा,बजरंग बाण,हनुमान अष्टक हिंदी में: हनुमान जी का जीवन दर्शन

हनुमान चालीसा,बजरंग बाण,हनुमान अष्टक हिंदी में-भगवान हनुमान, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता हैं, और उनके जीवन की कई महत्वपूर्ण कथाएँ हैं जो हमें धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रेरित करती हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण कथाएँ हैं जो हनुमान जी के जीवन के दर्शन देती हैं:

जन्म और बचपन: हनुमान जी का जन्म वायु पुत्र हनुमान के रूप में हुआ था। उन्होंने अपने बचपन में सूर्य के साथ खेलते हुए एक बार सूर्य को खाकर बड़े हो गए थे, जिसके कारण उन्हें हनुमान कहा गया।

भगवान राम की सेवा: हनुमान जी ने अपना पूरा जीवन भगवान राम की सेवा में बिताया। वे रामचंद्र के वचनों का पालन करने में समर्थ थे और उनकी सेवा में अपने बल, बुद्धि, और भक्ति का समर्पण किया।

लंका दहन: हनुमान जी ने रावण के अशोक वाटिका में सीता माता के पास पहुंचकर उनके संदेश ले आए थे। इसके बाद, रामचंद्र के सैन्य ने लंका पर हमला किया, और हनुमान जी ने अपनी बलि के साथ लंका को जलाकर उसे नष्ट कर दिया।

संकटमोचन हनुमान: हनुमान जी को “संकटमोचन” भी कहा जाता है क्योंकि वे भक्तों के संकटों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध हैं। वे अपने भक्तों के संकट को मिटाने के लिए अपने भक्तों के साथ हमेशा विराजमान रहते हैं।

महाकाव्य के लेखक: हनुमान जी के बारे में महाकव्य रामायण में विस्तार से लिखा गया है, और उन्हें रामायण के एक महत्वपूर्ण चरित्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

भक्ति के प्रतीक: हनुमान जी को भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी भक्ति, निष्कलंक प्रेम, और आदर्श जीवन से हम सभी को प्रेरित होने का संदेश मिलता है।

हनुमान जी का जीवन और कथाएँ हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण भक्ति और आध्यात्मिक तत्वों को समझाने में मदद करती हैं, और वे भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।

हनुमान चालीसा चौपाई

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यहां हनुमान चालीसा की 40 चौपाइयाँ हैं, जो भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करती हैं और भक्तों को उनके समर्पण में उनकी मदद करने का प्रार्थना करती हैं:

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवनकुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेस बिकार।।

जय हनुमान ग्यान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
रामदूत अतुलित बलधामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।
कंचन बरन विराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुञ्चित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, कांधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरीनंदन, तेज प्रताप महाजगवन।।

विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा।
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र के काज सवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये, श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरौ यश गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा, नारद सारद सहित अहीशा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते, कवि कोविद कहि सकैं कहां ते।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीहिं, राम मिलाय राजपद दीहिं।।

तुम्हरो मंत्र विबीषन माना, लंकेश्वर भए सब जग जाना।
युग सहस्र योजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलदि लांघि गये अचरज नाहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिन पैसारे।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।
संकट सेंधनी आनैस जग माहि, जब कारज सुनें हनुमानहि।।

संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।
पवन तनय संकट हरण मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

पावनतनय संतन हनुमाना, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
रोग दोष जाके निकट न जांपै।

अंजनीपुत्र महाबलदयाला।
भक्तवती प्रिय भवन पावनकुमारा।
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

देहू दीजै रघुपति राई।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।
युग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलदि लांघि गये अचरज नाहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिन पैसारे।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।
संकट सेंधनी आनैस जग माहि।
जब कारज सुनें हनुमानहि।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।
पवन तनय संकट हरण मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
रोग दोष जाके निकट न जांपै।

अंजनीपुत्र महाबलदयाला।
भक्तवती प्रिय भवन पावनकुमारा।
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

देहू दीजै रघुपति राई।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।
युग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलदि लांघि गये अचरज नाहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिन पैसारे।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपने तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।
संकट सेंधनी आनैस जग माहि।
जब कारज सुनें हनुमानहि।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।
पवन तनय संकट हरण मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
रोग दोष जाके निकट न जांपै।

यह हनुमान चालीसा की 40 चौपाइयाँ हैं, जो भक्तों को भगवान हनुमान की महिमा और महत्व का अर्थ समझाती हैं, और उनके समर्पण में उनकी मदद करने का प्रार्थना करती हैं। इन चौपाइयों का पाठ हनुमान चालीसा की भक्ति में किया जाता है और इसका महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है।

हनुमान जी की आरती

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हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद, हनुमान जी की आरती का पाठ भी किया जा सकता है। यहां हनुमान जी की आरती का एक संक्षिप्त रूप है:

हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
जाके बल से गिरिवर कांपै।
रोग दोष जाके निकट न जांपै।

अंजनीपुत्र महाबलदयाला।
भक्तवती प्रिय भवन पावनकुमारा।
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

देहू दीजै रघुपति राई।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।
युग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलदि लांघि गये अचरज नाहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिन पैसारे।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।
संकट सेंधनी आनैस जग माहि।
जब कारज सुनें हनुमानहि।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।
पवन तनय संकट हरण मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।

यह आरती हनुमान जी के महिमा और महत्व का स्तवन करती है, और भक्तों को उनकी शरणा में आने की प्रार्थना करती है।

बजरंग बाण हिंदी में

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बजरंग बाण” एक प्राचीन हिन्दू मंत्र है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंत्र भगवान हनुमान की महत्त्वपूर्ण उपासना का हिस्सा है और उनकी कृपा और संरक्षण की प्राप्ति के लिए प्रयोग किया जाता है। बजरंग बाण का पठन करने से मान्यता है कि भगवान हनुमान भक्तों के दुखों को दूर करते हैं और सुख-शांति की प्राप्ति में सहायक होते हैं।

बजरंग बाण” का पाठ विशेष रूप से हनुमान चालीसा के बाद किया जाता है और इसे मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि करने के उद्देश्य से किया जाता है। इस मंत्र को विशेष ध्यान और भक्ति के साथ पठने से मान्यता है कि भगवान हनुमान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

कृपया ध्यान दें कि यह मंत्र संस्कृत में है, और इसका पठन विशेष ध्यान और पूजा के साथ किया जाता है।

बजरंग बाण लिखित में

बजरंग बाण” श्लोक, जो भगवान हनुमान के प्रशंसा में है, विभिन्न श्रृंगार रास और लीलाओं को बताता है। यह श्लोक संस्कृत में है और भगवान हनुमान के गुणों और महात्म्य का वर्णन करता है। यह श्लोक विभिन्न प्रतियोगिताओं और कविता पाठ के लिए बड़ा प्रसिद्ध है।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

देन्हें मोहें कुलीशनिसाचर। संकट मोचन करन्त एकजुद।।

भव्य रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़ि जगाराही। राखि जियँ उधारन की राही।।

लै गएँद्र दुदुक सहित बँधाय। लै बैरी सनेहं मरम बंधाय।।

बूढ़बचन प्रणाम कीन्ह जोही। तिनके काज सकल तुम समहीं।।

जो काज कोई न आवत धरमा। ताकु तुम उस की राखु आधारा।।

सब सुख लहै तुम्हारी शरणा। तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपको यह श्लोक भगवान हनुमान की पूजा और उपासना में उपयोग कर सकते हैं। यह भगवान हनुमान के महत्त्वपूर्ण गुणों का स्तुति करता है और उनके प्रशंसकों को उनकी शरण में आने के लिए प्रोत्साहित करता है।

“बजरंग बाण” पाठ के कई लाभ

“बजरंग बाण” पाठ के कई लाभ और मान्यताये हैं:

रोग निवारण: भगवान हनुमान का पाठ करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का निवारण हो सकता है। यह रोगों के इलाज में सहायक हो सकता है।

संकटमोचन: "बजरंग बाण" के पाठ से संकट और परेशानियों का निवारण हो सकता है। यह भगवान हनुमान से संकटमोचन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करने में मदद करता है।

मनोबल और आत्मविश्वास: इस मंत्र का पाठ करने से मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है, जो सफलता की दिशा में मदद कर सकता है।

भक्ति और साधना: "बजरंग बाण" का पाठ भगवान हनुमान के प्रति भक्ति और साधना को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

शांति और सुख: इस मंत्र का पाठ करने से शांति और सुख की प्राप्ति हो सकती है।

बुराई से सुरक्षा: भगवान हनुमान के कृपा से बुराई से सुरक्षा मिल सकती है और अशुभ गतिविधियों से बचाव हो सकता है।

बजरंग बाण” का पाठ श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है और यह भगवान हनुमान के आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह साधकों और भक्तों के लिए एक मार्गदर्शक होता है जो भगवान हनुमान के साथ अपने जीवन की समस्याओं का समाधान ढूंढ रहे हैं।

हनुमान अष्टक हिन्दी में

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हनुमान अष्टक” एक प्रमुख हिन्दू भजन है जो भगवान हनुमान की प्रशंसा में गाया जाता है। यह अष्टक आठ श्लोकों (संस्कृत में अठासी) से मिलकर बना होता है और इसमें हनुमानजी के गुण, महिमा, और महत्त्व का वर्णन किया गया है। यह भजन हनुमान भक्तों और उनके श्रद्धालुओं के बीच में बड़े प्रसिद्ध है और उनकी पूजा में उपयोग किया जाता है।

यहां “हनुमान अष्टक” के प्रमुख श्लोक हैं:

श्रीगुरु चरण सरोज रज,
निज मनु मुकुर सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु,
जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके,
सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि,
हरहु कलेश बिकार।।

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
रामदूत आतुलित बल धामा,
अञ्जनि पुत्र पावन सुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी।
कञ्चन बरण बिराज सुबेसा,
कानन कुण्डल कुञ्चित केसा।।

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै,
कांधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरी नंदन,
तेज प्रताप महा जग बंदन।।

विद्यावान गुणी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा,
बिकट रूप धरि लंक जरावा।
भीम रूप धरि असुर संहारे,
रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये,
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई,
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरौ यश गावैं,
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा,
नारद सारद सहित आहीशा।।

यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,
कवि कोविद कहि सकैं कहाँ ते।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा,
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना,
लंकेश्वर भए सब जग जाना।
युग सहस्त्र योजन पर भानू,
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं,
जलदि लांघि गये अचरज नाहीं।
दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे,
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।
सब सुख लहै तुम्हारी शरणा,
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै,
तीनों लोक हांक ते कांपै।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै,
महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा।
संकट तें हनुमान छुड़ावै,
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा,
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै।।

चौसठ योगिनी मंदिर माहीं,
जो बैठी चौरासी सिद्ध कराहीं।
अस्त सिद्धि नव नीध निधाना,
राजा विधी लै के दीवाना।।

विद्या बुद्धि बल देहु मोहिं,
हरहु कलेश विकराल बहि।
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।

हनुमान अष्टक” का पाठ हनुमान भक्तों द्वारा किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से हनुमान जयंती और हनुमान जी के जयंती जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर इसका पाठ किया जाता है। इस अष्टक का पाठ हनुमान भक्तियों को भगवान हनुमान के आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है और उनकी आराधना में उन्हें सुख-शांति का अहसास कराता है।

हनुमान अष्टक पाठ के फायदे

हनुमान अष्टक” का पाठ करने के कई फायदे माने गए हैं, निम्नलिखित में से कुछ हैं:

भगवान हनुमान के आशीर्वाद: "हनुमान अष्टक" का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है, जिससे आपके जीवन में सुख, संतोष, और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

संकटमोचन: हनुमान जी को संकटमोचन का अवतार माना जाता है, और इस अष्टक का पाठ करने से आपके संकट और परेशानियों का निवारण हो सकता है।

मानसिक शांति: "हनुमान अष्टक" का पाठ करने से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त हो सकती है। यह मानसिक चिंताओं और तनाव से निजात पाने में मदद कर सकता है।

आत्मविश्वास: इस अष्टक का पाठ करने से आपका आत्मविश्वास और साहस बढ़ सकता है, जो समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद कर सकता है।

भक्ति: "हनुमान अष्टक" का पाठ भगवान हनुमान के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है और आपको भगवान के साथ गहरे संबंध बनाने में मदद करता है।

ज्ञान और बुद्धि: इस अष्टक का पाठ करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि हो सकती है, और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और भी सक्षम हो सकते हैं।

रोग निवारण: कुछ लोग मानते हैं कि "हनुमान अष्टक" का पाठ करने से शारीरिक रूप से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है और रोगों का निवारण हो सकता है।

हनुमान अष्टक” का पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है, और इससे आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और सुख-शांति की प्राप्ति हो सकती है।

हनुमान चालीसा क्या है?

हनुमान चालीसा” एक हिंदी भक्ति ग्रंथ है, जो भगवान हनुमान की महिमा और महत्व को बयां करता है। यह ग्रंथ प्रतिदिन हनुमान भक्तों द्वारा पढ़ा जाता है और उनकी पूजा-अर्चना में उपयोग किया जाता है। हनुमान चालीसा का नाम “चालीसा” इसलिए है क्योंकि इसमें 40 श्लोक (चौपाई) होते हैं।

इस चालीसा में भगवान हनुमान की कल्याणकारी गुणों, महाकाव्यगुणों, और उनके दिव्य कार्यों का वर्णन किया गया है। यह ग्रंथ हिंदू धर्म में हनुमान जी की भक्ति में प्राणिक भक्ति और आस्था की दृढ़ता को बढ़ावा देने के रूप में पढ़ा जाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से हनुमान जयंती, संकट मोचन जयंती, और मंगलवार के दिन किया जाता है, क्योंकि मंगलवार हनुमान जी का व्रत होता है। इसके अलावा, जब कोई व्यक्ति किसी बड़े संकट या मुश्किल में फंस जाता है, तो वह हनुमान चालीसा का पाठ करके अपनी समस्या का समाधान खोजता है, क्योंकि हनुमान जी को संकट मोचन के रूप में जाना जाता है।

इसके अलावा, “हनुमान चालीसा” का पाठ भक्तों के लिए मानसिक और आत्मिक शांति का स्रोत भी होता है और वे इसे भक्ति और ध्यान के साथ पढ़कर अपनी आध्यात्मिक यात्रा में आगे बढ़ सकते हैं।

क्यों पढ़ा जाता है हनुमान चालीसा?

हनुमान चालीसा को पढ़ा जाता है क्योंकि इसमें भगवान हनुमान की महिमा और महत्व का विवरण होता है और यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण भक्ति ग्रंथ है। निम्नलिखित कारणों से हनुमान चालीसा को पढ़ा जाता है:

भगवान हनुमान की भक्ति: हनुमान चालीसा का पठन भगवान हनुमान की भक्ति में विश्वास करने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह उनके भक्ति और साधना को बढ़ावा देने में मदद करता है।

आस्था का स्रोत: हनुमान चालीसा पढ़कर लोग अपनी आस्था और आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं। इसमें उल्लिखित गुण और कार्य हनुमान जी के भक्तों को आत्मा के साथ अधिक जुड़ने में मदद करते हैं।

संकट मोचन: हनुमान चालीसा का पाठ खासतर संकट और मुश्किलात में फंसे लोगों द्वारा किया जाता है। भगवान हनुमान को "संकट मोचन" कहा जाता है और उनकी कृपा से संकटों का निवारण होता है, इसलिए लोग उनकी आराधना करते हैं।

ध्यान और आत्मिक शांति: हनुमान चालीसा का पाठ ध्यान और मनःस्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है। यह ध्यान की प्रक्रिया में शांति और सामंजस्य लाने में मदद करता है और आत्मिक शांति का स्रोत बनता है।

धार्मिक आदर्श: हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू धर्म के आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करने में मदद करता है। यह धार्मिक तरीके से महत्वपूर्ण होता है और भक्तों को अध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

सारंश में, हनुमान चालीसा को भगवान हनुमान की पूजा, भक्ति, और आस्था को बढ़ावा देने के लिए पढ़ा जाता है, और यह धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है।

हनुमान चालीसा का इतिहास

हनुमान चालीसा का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसके बारे में निम्नलिखित कुछ बातें मान्यता में हैं:

रचना काल: हनुमान चालीसा का विश्वासा है कि इसे तुलसीदास नामक महान संस्कृत कवि ने 16वीं सदी में रचा था। तुलसीदास भगवान राम के विशेष भक्त थे और उन्होंने रामचरितमानस, जिसे रामायण का अवधी भाषा में रचा था, के साथ ही हनुमान चालीसा का भी रचना किया।

श्री गोस्वामी तुलसीदास: तुलसीदास ने जब हनुमान चालीसा को रचा था, तो वे उनके अपने गुरु श्री नारायण दास के प्रेरणा से किया था। हनुमान चालीसा का उद्धारण उनके आत्मीय दोस्त और साधक रहे गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा किया गया था।

भक्ति काव्य: हनुमान चालीसा एक प्रमुख भक्ति काव्य है और इसमें हनुमान जी की महिमा का गान होता है। यह चालीसा श्री राम के परम भक्त हनुमान के गुण, महिमा, और दिव्य कार्यों की महात्म्य को बताती है।

आध्यात्मिक महत्व: हनुमान चालीसा का पाठ भक्तों के द्वारा भगवान हनुमान की आराधना में किया जाता है और इसे आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा के साथ अधिक जुड़ने का एक साधना माना जाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ भक्तिगाथा के रूप में प्रसिद्ध है और यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण साधना है जो भगवान हनुमान की पूजा, भक्ति, और आस्था में विश्वास करते हैं।

हनुमान चालीसा का महत्व

हनुमान चालीसा का महत्व भगवान हनुमान के भक्तों के लिए अत्यधिक है और इसके कई महत्वपूर्ण पहलु हैं:

भगवान हनुमान की महिमा का गुणगान: हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान के गुण, महिमा, और दिव्य कार्यों का वर्णन होता है। यह चालीसा भक्तों को उनके भगवान के प्रति आदर्श और समर्पण की भावना दिलाती है और उन्हें उनके महानतम भक्त के रूप में जानने के लिए प्रोत्साहित करती है।

संकट मोचन: हनुमान चालीसा का पाठ संकट और मुश्किलात में फंसे लोगों द्वारा किया जाता है। भगवान हनुमान को "संकट मोचन" कहा जाता है और उनकी कृपा से संकटों का निवारण होता है। इसलिए लोग हनुमान चालीसा के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान खोजते हैं।

आस्था और श्रद्धा: हनुमान चालीसा का पाठ भक्तों की आस्था और श्रद्धा को बढ़ावा देता है। यह चालीसा उनकी आत्मा को भगवान हनुमान के साथ जोड़ने का माध्यम बनती है और उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

ध्यान और आत्मिक शांति: हनुमान चालीसा का पाठ ध्यान और मनःस्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है। यह ध्यान की प्रक्रिया में शांति और सामंजस्य लाने में मदद करता है और आत्मिक शांति का स्रोत बनता है।

धार्मिक आदर्श: हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू धर्म के आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करने में मदद करता है। यह धार्मिक तरीके से महत्वपूर्ण होता है और भक्तों को अध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

सारंश में, हनुमान चालीसा भगवान हनुमान के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण साधना है जो उनकी आस्था, भक्ति, और आत्मा को सुदृढ़ करने में मदद करती है। यह चालीसा उनके भगवान के प्रति समर्पण और आदर्श को बढ़ावा देती है और उन्हें धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

हनुमान चालीसा के मुख्य श्लोक और उनका अर्थ

हनुमान चालीसा में कुल 40 श्लोक (चौपाई) होते हैं, जो भगवान हनुमान की महिमा और महत्व को व्यक्त करते हैं। निम्नलिखित एक कुछ चुनिंदा श्लोक और उनका अर्थ है:

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
    अर्थ: हे गुरुदेव! मैं आपके चरणों के रज में रमन करता हूँ, कृपया मेरे मन को शुद्ध करने का अवसर दीजिए।

बल बुद्धि बिद्या देहू मोहि, हरहु कलेस बिकार।
    अर्थ: हे हनुमानजी! मुझे शक्ति, बुद्धि, और ज्ञान की प्राप्ति दीजिए और मेरे सभी कष्टों को दूर कर दीजिए।

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
    अर्थ: हे हनुमानजी! आपको जय हो, जिनका ज्ञान और गुण समुद्र के समान गहरे हैं, और जिनसे तीनों लोक रोशनी से भर जाते हैं।

महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।
    अर्थ: हे बजरंगबली महावीर हनुमान, आपकी महावीर्यता और बल से मनुष्यों की दुर्बुद्धि को दूर करने के लिए जो भी सुगम संगी चाहिए, वह आपके साथ हो।

जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई।
    अर्थ: जो व्यक्ति सत बार हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे बड़े ही महान सुख प्राप्त होते हैं और उसके सभी बंधन मुक्त हो जाते हैं।

जय हनुमान ग्यान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।
    अर्थ: हे हनुमानजी! आपको जय हो, जिनका ज्ञान और गुण समुद्र के समान गहरे हैं, और जिनसे तीनों लोक रोशनी से भर जाते हैं।

यह बस कुछ ही श्लोक हैं और हनुमान चालीसा में और भी कई महत्वपूर्ण श्लोक हैं, जो भक्तों को भगवान हनुमान के महिमा और महत्व का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इन श्लोकों का पाठ भक्तों को ध्यान में लगाने, आत्मा को शुद्ध करने, और भक्ति में वृद्धि करने में मदद करता है।

हनुमान चालीसा से सीखने वाले जीवन के सबक

हनुमान चालीसा से सीखने वाले कुछ महत्वपूर्ण जीवन के सबक निम्नलिखित हो सकते हैं:

भक्ति और समर्पण: हनुमान चालीसा हमें भगवान हनुमान की भक्ति में और उनके साथ समर्पित रहने की महत्वपूर्णता को सिखाता है। यह दिखाता है कि समस्याओं और परेशानियों का समाधान भक्ति और समर्पण में हो सकता है।

ध्यान और आत्मा का अध्ययन: हनुमान चालीसा का पाठ ध्यान और आत्मा के अध्ययन की महत्वपूर्णता को बताता है। हमें यह याद दिलाता है कि मानसिक शांति और आत्मिक विकास के लिए ध्यान की आवश्यकता है।

संकटों का पार: हनुमान चालीसा में हनुमान जी को "संकट मोचन" कहा जाता है, जिसका मतलब है कि वे संकटों को दूर करने वाले हैं। हमें सिखाता है कि संगठन, संघर्ष और संघटनों के साथ भी हम संकटों को पार कर सकते हैं।

सहयोग और सेवा: हनुमान चालीसा भक्तों को सहयोग और सेवा के महत्व को सिखाता है। हनुमान जी ने अपने प्रभु श्री राम की सेवा में समर्पित रहकर उनकी जरूरतों को पूरा किया।

सच्चे मार्ग पर चलना: हनुमान चालीसा हमें सच्चे मार्ग पर चलने की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। हनुमान जी ने सदैव सत्य और न्याय का पालन किया और हमें भी उनके जैसे आचरण करने की प्रेरणा देते हैं।

हमारे लक्ष्य की प्राप्ति: हनुमान चालीसा का पाठ हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयास करने की महत्वपूर्णता को सिखाता है। हनुमान जी की अनशन और वीरता की कथा इसे दर्शाती है।

सम्मिलित करते हुए, हनुमान चालीसा हमें ध्यान, आत्मा का अध्ययन, और सच्चे मार्ग पर चलने की महत्वपूर्णता के साथ हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पित रहने का संदेश देता है। यह हमारे जीवन में धार्मिकता, आदर्शों, और सेवा के महत्व को प्रमोट करता है और हमें संकटों के सामना करने के लिए साहस देता है।

हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका

हनुमान चालीसा पढ़ने का सही तरीका निम्नलिखित है:

शुद्धता और पवित्रता: हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले, अपने शरीर को और आपके चरणों को धोकर शुद्ध करें। यह एक पवित्र स्थान पर बैठकर करना अधिक उपयुक्त हो सकता है, जैसे कि एक पूजा कमरे में या मंदिर में।

संकल्प: हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले, एक संकल्प लें कि आप इसका पाठ भगवान हनुमान के समर्पण में कर रहे हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं।

ध्यान: ध्यान में जाकर मन को शांत करें। आप अपने मन को शांति और ध्यान में लाने के लिए कुछ गहरी सांसें ले सकते हैं और अपने मन को श्री हनुमान के चरणों में समर्पित कर सकते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ: अब हनुमान चालीसा का पाठ करें। आप इसे अच्छी आवाज़ में, ध्यान से, और भक्ति भाव से पढ़ सकते हैं। हर श्लोक को सुनने के बाद, उसका अर्थ समझें ताकि आपका भावनात्मक जुड़ाव मजबूत हो।

आरती और प्रणाम: हनुमान चालीसा पढ़ने के बाद, हनुमान जी की आरती करें और उन्हें प्रणाम करें।

मन्त्र का जाप: हनुमान चालीसा के बाद, हनुमान मंत्र “ॐ हनुमते नमः” का जाप कर सकते हैं, यह मंत्र भगवान हनुमान के आराधना में उपयोगी है।

आशीर्वाद और समापन: अपने पाठ के समापन पर भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगें और ध्यान से उनकी मूर्ति को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करें।

हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से किया जाता है और भगवान हनुमान के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण भक्ति अभ्यास होता है, जिससे आत्मिक उन्नति और आत्मा के साथ अधिक जुड़ने का एक साधना मिलता है।

हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे

हनुमान चालीसा पढ़ने के कई फायदे हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण हैं:

आत्मिक शांति: हनुमान चालीसा का पाठ मन को शांति और सांत्वना प्रदान कर सकता है। यह चालीसा ध्यान और आत्मा के अध्ययन की ओर मद्दत कर सकती है, जो आत्मिक शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

संकट मोचन: हनुमान चालीसा का पाठ संकटों और मुश्किलात से निजात पाने में मदद कर सकता है। भगवान हनुमान को “संकट मोचन” कहा जाता है और उनकी कृपा से संकटों का निवारण हो सकता है।

भक्ति और समर्पण: हनुमान चालीसा पढ़ने से भक्ति और समर्पण की भावना में वृद्धि हो सकती है। यह चालीसा भगवान हनुमान के प्रति आदर्श और समर्पण की भावना को बढ़ावा देती है और उनकी पूजा में सजीवता डाल सकती है।

सच्चे मार्ग पर चलना: हनुमान चालीसा हमें सच्चे मार्ग पर चलने की महत्वपूर्णता को याद दिलाती है। हनुमान जी ने सदैव सत्य और न्याय का पालन किया और हमें भी उनके जैसे आचरण करने की प्रेरणा देते हैं।

सेवा और सहयोग: हनुमान चालीसा हमें सेवा और सहयोग के महत्व को सिखाती है। हनुमान जी ने अपने प्रभु श्री राम की सेवा में समर्पित रहकर उनकी जरूरतों को पूरा किया और हमें भी उनके जैसे आचरण करने की प्रेरणा देते हैं।

आत्मिक विकास: हनुमान चालीसा का पाठ आत्मिक विकास की दिशा में मदद कर सकता है। यह चालीसा आत्मा को शुद्ध करने, ध्यान में लाने, और आत्मा के साथ अधिक जुड़ने का माध्यम बन सकती है।

सारंश में, हनुमान चालीसा का पाठ भगवान हनुमान के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक अभ्यास हो सकता है जो आत्मिक उन्नति, आत्मा के साथ जुड़ने, और सच्चे मार्ग पर चलने के लिए मदद करता है। इसके पाठ से भक्त आत्मिक शांति, संकटों का पार करने की क्षमता, और सच्चे धर्मिक जीवन की दिशा में बढ़ सकते हैं।

हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान को समर्पित सबसे लोकप्रिय भक्ति भजनों में से एक है। कवि तुलसीदास द्वारा लिखित, यह हनुमान और उनके महान गुणों की प्रशंसा करता है। इसके अर्थ को समझने से आपकी भक्ति को मजबूत करने और अपने दिमाग को उन मूल्यों के साथ संरेखित करने में मदद मिल सकती है जो इसका प्रतिनिधित्व करते हैं।

तो यहाँ आपके लिए है, सुंदर हनुमान चालीसा और उसका अर्थ। भगवान हनुमान की भक्ति, साहस, शक्ति और बुद्धि ने सदियों से लाखों लोगों को प्रेरित किया है। उनका जीवन दर्शन हमें बहुमूल्य सबक सिखाता है जो कालजयी है। जब भी आपको बाधाओं को दूर करने के लिए प्रेरणा या शक्ति और साहस की आवश्यकता हो, तो हनुमान चालीसा पढ़ें।

हनुमान के गुण आपको विनम्र फिर भी बहादुर, समर्पित फिर भी बुद्धिमान बनने के लिए प्रेरित करें। उनकी शिक्षाओं को अपने दिल में रखें और आप पाएंगे कि आप हर दिन एक बेहतर इंसान बनते जा रहे हैं।

हनुमान चालीसा एक महत्वपूर्ण हिन्दू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें भगवान हनुमान की महिमा, महत्व, और भक्ति का संदेश प्रस्तुत किया गया है। यह ग्रंथ 40 चौपाइयों में है, और इन चौपाइयों का पाठ हनुमान जी की पूजा और भक्ति में किया जाता है। यहां हनुमान चालीसा के महत्वपूर्ण बिंदुओं का संक्षेप में सारांश है:

भगवान हनुमान का महत्व: हनुमान चालीसा भगवान हनुमान के महत्व को प्रमोट करती है, जो भक्तों के संकटों को हरने और उनके जीवन में सुख और शांति लाने में मदद करते हैं।

भक्ति और सेवा का संदेश: हनुमान चालीसा भक्ति और सेवा का संदेश देती है, जिसका मतलब है कि हमें भगवान की पूजा करने के साथ-साथ सेवा भी करनी चाहिए, विशेषकर दरिद्र, गरीब, और असहाय लोगों की।

संकटों का निवारण: हनुमान चालीसा के पाठ से संकटों का निवारण होता है, और भक्तों को शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।

धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: हनुमान चालीसा के पाठ से हमारा धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होता है, और हम भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

एकता और समर्पण का प्रतीक: हनुमान चालीसा का पाठ सभी वर्गों और समुदायों के लोगों के बीच एकता और समर्पण का प्रतीक है, जो भगवान की भक्ति में समाहित होते हैं।

सार्थक और गहरा, हनुमान चालीसा भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम होता है और भक्तों को जीवन में सफलता और सुख प्रदान करता है। इसका पाठ श्रद्धा और आदर के साथ किया जाता है, और यह भगवान हनुमान की कृपा को प्राप्त करने का सरल और प्रमुख तरीका है। जय बजरंग बली – पराक्रमी हनुमान की जय! उनका आशीर्वाद सदैव आपके साथ रहे।’

निष्कर्ष:

१. हनुमान अपने साहस, शक्ति, निष्ठा, भक्ति और धार्मिकता के लिए जाने जाते हैं। उन्हें शक्ति, वीरता, निडरता और ईमानदारी के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। चालीसा इन विशेषताओं पर प्रकाश डालती है और हनुमान के महान चरित्र के माध्यम से हमें जीवन की सीख देती है।

२. प्रत्येक श्लोक में हनुमान की शारीरिक शक्ति, राम और सीता के प्रति भक्ति और रावण पर विजय में उनकी भूमिका का वर्णन किया गया है। उदाहरण के लिए, यह कहता है कि वह हवा की तरह तेज़ है, सूरज की तरह शक्तिशाली है, और इच्छानुसार कोई भी रूप धारण कर सकता है। वह राम के दूत और राक्षसों के संहारक हैं।

३. भजन भक्ति, साहस, धार्मिकता और निस्वार्थ सेवा को बढ़ावा देता है। यह हमें ताकत विकसित करना, फिर भी विनम्र बने रहना सिखाता है; बिना किसी स्वार्थ के ईमानदारी से दूसरों की सेवा करना; भक्ति के माध्यम से जीवन में उद्देश्य और अर्थ खोजना; और आंतरिक प्रतिबिंब के माध्यम से भीतर के अंधकार को दूर करना।

४. हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति में साहस और भक्ति का संचार होता है। इसके काव्यात्मक छंद और लयबद्ध ताल का सुखद प्रभाव पड़ता है। समय के साथ, इसका अर्थ और शिक्षाएँ मन में स्थापित हो जाती हैं, जिससे स्वयं को निडर, आत्म-अनुशासित और धर्मी बनने में मदद मिलती है।

५. आप हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित पीडीएफ फॉर्म में ऑनलाइन पा सकते हैं। इसे पढ़ें, इसके संदेश को समझें और इसे अपने दैनिक आध्यात्मिक अभ्यास का हिस्सा बनाएं। हनुमान के महान गुण आपको प्रेरित करें और आपके मार्गदर्शक बनें।

हनुमान चालीसा क्या है?

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति भजन है, जो उनके दिव्य गुणों की प्रशंसा करता है और शक्ति और सुरक्षा के लिए उनका आशीर्वाद मांगता है।

हनुमान चालीसा का पाठ क्यों किया जाता है?

माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक उत्थान होता है, बाधाएं दूर होती हैं और साहस और ज्ञान प्राप्त होता है, क्योंकि यह भक्ति और समर्पण के प्रतीक भगवान हनुमान को समर्पित है।

हनुमान चालीसा का पाठ करने में कितना समय लगता है?

आमतौर पर, हनुमान चालीसा का पाठ करने में लगभग 10-15 मिनट का समय लगता है, जो पढ़ने वाले की गति और उच्चारण पर निर्भर करता है। हालाँकि, कोई भी इसे अपनी गति से पढ़ सकता है और अवधि को अपने अनुसार अनुकूलित कर सकता है।

क्या कोई हनुमान चालीसा का पाठ कर सकता है?

हाँ, कोई भी, चाहे उसकी उम्र, लिंग या धार्मिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, हनुमान चालीसा का पाठ कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह सभी को आशीर्वाद देता है और हनुमान की कृपा चाहने वाले भक्तों द्वारा इसका व्यापक रूप से पाठ किया जाता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?

हनुमान चालीसा का पाठ करने से एकाग्रता में सुधार, भय और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना और भगवान हनुमान के प्रति विश्वास और भक्ति की भावना को बढ़ावा देना जैसे कई लाभ मिल सकते हैं। इसे समग्र आध्यात्मिक दृष्टि से भी शुभ माना जाता है