20,000 रुपये में पूरा महीना कैसे चलाएं? (एक साधारण गृहिणी का असली बजट)
20,000 रुपये में पूरा महीना कैसे चलाएं?
(एक साधारण गृहिणी का असली बजट)
क्या आप भी हर महीने के आखिर में सोचती हैं — "पैसे कहाँ गायब हो गए?" चाय-नाश्ता, सब्ज़ी, मोबाइल रिचार्ज, बच्चों का स्कूल फीस... छोटे-छोटे खर्चे मिलकर बड़ा बोझ बन जाते हैं।
मैं भी आपकी तरह थी। लेकिन जब मैंने "5 जार विधि" अपनाई, तो मैं हर महीने रु 1,500– रु 2,000 बचाने लगी — बिना किसी ऐप या कठोर नियम के!
समस्या: "हमारे घर में तो हर महीने खर्च ज़्यादा हो जाता है!"
ज्यादातर घरों में बजट इसलिए नहीं चलता क्योंकि:
- हम सिर्फ़ "कुल आय" देखते हैं, रोज़ के खर्चे नहीं
- कैश से छोटे खर्चे ( रु 20– रु 50) का हिसाब नहीं रखते
- आपातकालीन खर्चे (जैसे बिजली बिल, दवाई) के लिए अलग से पैसा नहीं रखते
समाधान: "5 जार विधि" — बिना ऐप के बजट
हर महीने अपनी आय को 5 हिस्सों में बाँटें:
- खाना और सब्ज़ी (40%) — रोज़ के खर्चे
- बिल और EMI (25%) — बिजली, मोबाइल, किराया
- बचत (15%) — भविष्य के लिए (FD, PPF, या सिर्फ़ अलग खाता)
- आपातकाल (10%) — बीमारी, मरम्मत, अनपेक्षित खर्चे
- खुशी का पैसा (10%) — चाय, आइसक्रीम, बच्चों का टॉफी — बिना गिल्टी फील किए!
उदाहरण: रु 20,000 का मासिक बजट
✓ यह बजट शहर और गाँव दोनों के लिए काम करता है। ✓ अगर आपकी आय कम है, तो प्रतिशत बदलें — लेकिन बचत और आपातकाल का हिस्सा कभी न छोड़ें।
फ्री डाउनलोड: घर का बजट टेम्पलेट (PDF + Excel)
अपने हाथ से लिखने के लिए प्रिंटेबल PDF या मोबाइल पर रखने के लिए Excel शीट — दोनों फ्री!
- हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध
- रोज़ के खर्चे का कॉलम
- महीने के अंत में "कितना बचा?" कैलकुलेटर
कोई ऐप नहीं। कोई जटिल फॉर्मूला नहीं। बस आसान, व्यावहारिक बजटिंग।
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